Chulkana Dham Panipat Address | चुलकाना धाम पानीपत

Chulkana Dham Panipat

Chulkana Dham Panipat Address | चुलकाना धाम पानीपत

चुलकाना धाम, हरियाणा ( Chulkana Dham Panipat) के पानीपत जिले में स्थित है और यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो महाभारत काल से जुड़ा है। यहां पर बाबा श्याम जी ने अपने शीश का दान दिया था। चुलकाना धाम को कलिकाल का सर्वोत्तम तीर्थ स्थल माना जाता है। यहां आने वाले भक्त श्याम बाबा की दर्शन करने के लिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत अन्य राज्यों से आते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.

चुलकाना धाम का इतिहास महाभारत के काल से जुड़ा है। यहां पर पांडव पुत्र भीम के पुत्र घटोत्कच का विवाह दैत्य की पुत्री कामकन्टकटा के साथ हुआ था। इनका पुत्र बर्बरीक था, जिन्हें महादेव और विजया देवी का आशीर्वाद प्राप्त था। बर्बरीक को तीन बाण प्राप्त हुए थे, जिनसे वह सृष्टि तक का संहार कर सकते थे। बर्बरीक की माता ने उनसे वचन मांगा कि वह युद्ध तो देखने जाएं, लेकिन अगर युद्ध करना पड़े तो वह हारने वाले का साथ दें। बर्बरीक ने अपनी माता की आज्ञा को माना और उसको “हारे का सहारा” कहा जाता है।

चुलकाना धाम के मंदिर में बाबा श्याम जी के दर्शन के लिए लाखों भक्त आते हैं। यहां का मेला भी प्रसिद्ध है और यहां पर भक्तों को श्याम बाबा की कथाएं और भजन-कीर्तन का आनंद मिलता है। चुलकाना धाम में पहुंचने के लिए आपको पानीपत जिले

बाबा ने क्यों दिया शीश का दान: 

चुलकाना धाम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है जो महाभारत के काल में घटी थी। यहां पर पांडव पुत्र भीम के पुत्र घटोत्कच की शादी दैत्य की पुत्री कामकंटकटा के साथ हुई थी। इनका पुत्र बर्बरीक था, जिन्हें महादेव और विजया देवी का आशीर्वाद प्राप्त था। बर्बरीक को तीन बाण प्राप्त हुए थे, जिनसे वह सृष्टि तक का संहार कर सकते थे।

जब महाभारत का युद्ध हो रहा था, तब बर्बरीक की मां कामकंटकटा को संदेह था कि पांडव महाभारत का युद्ध नहीं जीत पाएंगे, तब उन्होंने अपने बेटे बर्बरीक की शक्ति और महादेव के आशीर्वाद को देखते हुए बर्बरीक को युद्ध के लिए भेज दिया और कहा था कि तुम्हे हारने वाले का ही साथ देना होगा। बर्बरीक ने अपनी मां की आज्ञा को माना और वचन दिया कि मैं हारने वाले का ही साथ दूंगा। इसके बाद बर्बरीक युद्ध देखने के लिये घोड़े पर सवार होकर चल पड़े।

चुलकाना धाम का मेला

चुलकाना धाम का मेला हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह मेला बाबा श्याम जी के प्रति भक्तों की श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। इस मेले में लाखों भक्त आते हैं और श्याम बाबा की कथाएं सुनते हैं, भजन-कीर्तन का आनंद लेते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। यहां पर भक्तों को श्याम बाबा के दर्शन करने का अवसर मिलता है और वे अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए यहां आते हैं।

चुलकाना धाम मेले का आयोजन विशेष तौर पर श्याम बाबा के जन्मदिन पर किया जाता है और यहां पर भक्तों को अनेक धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यहां पर भक्तों को भगवान श्याम जी के आशीर्वाद का अहसास होता है और वे अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

चुलकाना धाम मेले का आयोजन विशेष तौर पर श्याम बाबा के जन्मदिन पर किया जाता है और यहां पर भक्तों को अनेक धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यहां पर भक्तों को भगवान श्याम जी के आशीर्वाद का अहसास होता है और वे अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

चुलकाना धाम मेले का आयोजन विशेष तौर पर श्याम बाबा के जन्मदिन पर किया जाता है और यहां पर भक्तों को अनेक धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है

चुलकाना धाम मन्दिर समय

चुलकाना धाम का मंदिर दर्शन समय हफ्ते के सातो दिन सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक होता है। यह पवित्र स्थल हरियाणा राज्य के पानीपत जिले में समालखा कस्बे से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहां बाबा श्याम जी ने अपने शीश का दान दिया था।

Manona Dham Khatu Shyam Mandir

चुलकाना धाम को कलयुग का सर्वोत्तम तीर्थ स्थान माना जाता है और यहां पर भक्तों को श्याम बाबा की दर्शन करने का अवसर मिलता है। यहां से आने वाले भक्त श्याम बाबा की कथाएं सुनते हैं, भजन-कीर्तन का आनंद लेते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। चुलकाना धाम का मेला भी प्रसिद्ध है और यहां पर भक्तों को अनेक धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस पवित्र स्थल पर आप श्याम बाबा के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना कर सकते हैं।

चुलकाना धाम मन्दिर कैसे पहुंचे

चुलकाना धाम (Chulkana Dham) हरियाणा के पानीपत के समालखा कस्बे से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक पवित्र स्थल है जो भगवान श्री कृष्णा और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक से संबंधित है। चुलकाना धाम को कलिकाल का सर्वोत्तम तीर्थ माना गया है। यहां पर भक्त मंदिर में आकर श्रद्धा और आस्था के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। यहां के पुजारियों द्वारा आयोजित आरती का दर्शन करने से मन और आत्मा को शांति मिलती है।1

चुलकाना धाम को पाने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं:

  1. ट्रेन: पानीपत से चुलकाना धाम की दूरी लगभग 5 किलोमीटर है। आप ट्रेन के माध्यम से पानीपत जा सकते हैं और फिर ऑटो रिक्शा या किसी अन्य वाहन के माध्यम से चुलकाना गांव पहुंच सकते हैं।2
  2. वाहन: आप अपने वाहन का इस्तेमाल करके भी चुलकाना धाम पहुंच सकते हैं।

चुलकाना धाम जाने के लिए आपको यह जानकर आनंद आएगा कि यहां आपको भगवान श्री कृष्णा के दर्शन करने का अवसर मिलेगा।

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